Web Development Tips and Tricks

Web Development Tips and Tricks

Tuesday, October 29, 2013

The Rise of the Remote Worker

The Rise of the Remote Worker

Is going to the office necessary? According to a study, 70% of college students and young professionals say no. Increasingly, and perhaps surprisingly, employers seem to agree. Studies show that 45% of the urban India workforce now has a job that is suitable for full-time or part-time remotely. But even as working from home becomes more acceptable nowadays.
Advances technology like video conferencing, social media and other technologies, the increased need in the modern-day business world to be on the job 24/7 and employer and employee can communicate and discuses over .It is new era of the remote worker.
Telecommuting, working from home, working remotely: they all are same thing. And it increase Day by day in India and world.

For remote worker and remote jobs visit www.veknder.com

Monday, October 21, 2013

Tough Decision: When to Move On and What You Leave Behind

Tough Decision: When to Move On and What You Leave Behind

Ambrish Apndey: It is not like I was looking for a change in my life. I had started Vkender – a little company that built a relationship between job seekers and employers. I started Vkender in my apartment with my laptop and i was only one employee in my company and i start it when I was 30. It was tough decision to leave company and present job because i was settle in my job and life going good a good salary and position in good company. But i have took decision to leave company and doing work which i like and i jumped in.I struggled (a lot) but stuck with my dream.Months passes into year.
Vkender was unprofitable business with no paying customers and no investors.But It was among the best decisions I ever made.
Decision,Should I stay or should I go in 2011?
The decision to leave a company you founded  and move on to a new project is never an easy one or you can say I was toughest decision of my life. You leave behind years of work and often a stable, promising business for a unknown and full of fears world.For me, it was an opportunity which knocked my door.and I chose to take risk.
Passion, of course, also comes into play at that time. And now I am happy with Vkender and how it change me life.Now start it paying a bit and we have a team of 15 people.It is a little success but today i feel we have step towards Our Goal.



Sunday, October 20, 2013

Donate Waste Uttarpradesh

Donate Your Waste - Let The Waste not be a Problem
Help Us to Create Someone future with your waste
Donate Your old books,clothes, Accessories, Cycle,E-waste,Medicine,chair,Toy,Food etc
we Repair your things and give that to who need it
You can give someone happiness with your waste
Contact 09044253131 Deoria (U.P.) ,09451794237 Faizabad(U.P.)

Donate Waste Uttarpradesh,Donate your Waste Delhi,waste donation in delhi india,waste solutions


hindi love story novel

मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास

मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. किताबों के पन्नो में .. पेन में .. पेन की इंक में .. लोगो की बातो मे .. बातों को छुपाने में .. जवाबो  में ...मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास ..कही आने की ख़ुशी में .. कही जाने के दुःख  में ... अपनों से मिलने की ख़ुशी में .. अपनों से दूर जाने के दुःख में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास ... जब माँ -पापा फक्र से तुम्हारे कंधो पे हाथ रखेंगे .. उन हाथो की गर्माहट में .. जब तुम माँ का हाथ अपने हाथो में लोगी उन्हें सहारा देने के लिए .. तो उन हाथो के बीच के भरोसे में .. मै हूँ  .. मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. तुम्हारी खिलखिलाती हसी में .. तुम्हारे आँखों से गिरते हुए मोती जैसे आसुओ में ..मेहदी की खुशबू में .. चूडियों की आवाज़ में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास ... रंगों में ,रश्मो में  .. आशीर्वाद में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. जब सुबह के वक़्त सूरज की किरने तुम्हारे हाथो पे पड़ेंगी .. तो उनमे ..बालकोनी के पिंक फ्लावर पे जब सनलाइट अपनी ब्राइटनेस  फैलाएगी तो उनकी ब्राइटनेस में .. मै हूँ ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. जब हवा चलेगी और पर्दा तुम्हे छु जायेगा ,तो परदे के छु जाने में .. जब सर्दियो में ठण्ड लगेगी ..और तुम धुप में जाओगी तो धूप की राहत में .. जब गर्मियो में पसीने से तंग आ कर छत पे टहलते हुए ठंडी साँस लोगी तो उसमे ... मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. घर की सफाई में .. बर्तनों की आवाज में  .. खाने की खुशबू में  .. गाने की रास में .. खीर की मिठास में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास.. कैमरे की क्लिक  में  .. तुम्हारे लगाये पौधों में आने वाले पत्तो में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. चाय में पत्ती डालते हुए तुम्हारी खुलती हुई मुठ्ठी की उँगलियों में .. मैगी की खुशबू में .. बारिश  में  ..बारिश के मौसम में  मिटटी की खुशबू में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास ... बर्थडे  सेलिब्रेशन में .. छोटी छोटी मोम्बतियो में ..केक की मीठी मीठी खुशबू में .. खिलौनों में .. गार्डन के बीच खड़े झूले पे .. नोवेल में .. स्टोरी बुक में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. जब तुम गुस्सा करोगी  तो उस गुस्से को काबू करने में .. जब सर दर्द करेगा और तुम धीरे धीरे सर दबाओगी तो तुम्हारी उंगलियो और माथे के बीच में .. जब बुखार में तुम दवा लोगी तो पानी के ग्लास में .. मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास ...प्यार  में ,दुलार में ...सबकी दुआओ में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. पराठा बनाते तुम्हारे हाथो में .. सबकी बात मानने वाली आँखों में .. खाने की मेज़ पर तुम्हारी गूंजती हसी में .. सबके चेहरे की मुस्कराहट में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. तुम्हारे हाथो में ..बालो में .. पलकों को झपकने में .. सुकून मे ..प्राथना में .. अज़ान में .. मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. हर फैसले में .. जिम्मेदारी में ..हर मोड पे .. बिस्वास मे .. बधाई में ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. मई थोडा थोडा सा हर जगह रहूँगा .. कभी दिल करे तो इस थोड़े थोड़े को इकठ्ठा कर लेना .. फिर दिल करे तो महसूस करना ..मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास .. अगर चाहती हो की मई हमेशा रहूँ तो मेरे सपनो को पूरा कर देना .. और हिम्मत मत हारना .. भरोसा रखना अपने आप पे और भगवान पे .. सच्चे दिल से देखा हुआ हर सपना पूरा होता है ..... ॥ 

तुम्हारी मैगी में ..ठंडे चाय मे .. तुम्हारी हसी  में .. मै रहूँगा .. वही -कही रहूँगा .. हमेशा तुम्हारे आस-पास 

Use oath or Google Contacts API to get friends email addresses

Use oath or Google Contacts API to get friends email addresses

Google Contacts has an API to allow you to get contact info from my Google account without my having to give out a password. 
http://code.google.com/apis/contacts/docs/3.0/developers_guide.html
While I'm sure you're all trustworthy and stuff, I still don't like giving out my Gmail address just to find out if friends are using your site. I would very much prefer if I could use the secure method.

Wednesday, October 16, 2013

आजकल के लोग

‘ओ… रिक्शे वाले, कमला नगर चलोगे? ‘ शिवम  जोर से चिल्लाया।
‘हाँ-हाँ क्यों नहीं?’ रिक्शे वाला बोला।
‘कितने पैसे लोगे?’
‘बाबू जी दस रुपए।’
‘अरे दस रुपए बहुत ज्यादा हैं मैं पाँच रुपए दूँगा।’
रिक्शे वाला बोला, ‘साहब चलो आठ…’
‘अरे नहीं मैं पाँच रुपए ही दूँगा।’ रिक्शेवाला सोचने लगा, दोपहर हो रही है जेब में केवल बीस रुपए हैं, इनसे बच्चों के लिए एकसमय का भरपेट खाना भी पूरा नहीं होगा।
मजबूर होकर बोला ठीक है साब बैठो। रास्ते मेंरिक्शेवाला सोचता जा रहा था, आज का इंसान दूसरे इंसान को इंसान तो क्या जानवर भी नहीं समझता। ये भी नहीं सोचा यहाँ से कमला  नगर कितनी दूर है, पाँच रुपए कितने कम हैं। मैं भीक्या करूँ? मुझे भी रुपयों की जरूरत है इसलिएइसेपाँच रुपए में पहियों की गति के साथ उसका दिमाग भी गतिशील था।
कमला  नगर पहुँचने के बाद जैसे ही वह रिक्शे से नीचे उतरा। एक भिखारी उसके सामने आ गया। शिवम  ने अपने पर्स से दस रुपए उस भिखारी को दे दिए और पाँच रुपए रिक्शे वाले को।
रिक्शेवाला बोला, साहब मेरे से अच्छा तो यह भिखारी रहा जिसे आपनेदस रुपए दिए। मैं इतनी दूर से लेकर आया और मेरी मेहनत के सिर्फ पाँच रुपए?’
शिवम बोला, ‘भिखारी को देना पुण्य है। मैंने उसे अधिक रुपए देकर पुण्य कमाया है।’
‘और जो मेरी मेहनत की पूरी मजदूरी नहीं दी ऐसाकरके क्या तुम पाप के भागीदार नहीं?’ रिक्शेवाले ने कहा। उसकी बात सुनते ही शिवम को क्रोध आ गया। वह बोला -’तुम लोगों से मुँह लगाना ही फिजूल है।

आजकल  लोग अपने घरो में बैठ के बस बनते करते हैं ,जब बात कुछ करने की आती है तो कहते है मै  क्यू ?हम अपने सारे  कानून,हक  गरीबों और कमज़ोरो (रिक्शेवाले , सब्जीवाले ) पे दिखाते हैं,जब कोई कुछ कहता  है तो कहते है ये हमारा हक है  और अपने आप को सही साबित करने की कोशीस करते हैं .लेकिन  जब बात सच में कुछ करने की होती है . तो हम कहते हैं नहीं हम क्यों पड़े मुस्किल में .आजकल के लोग ...........(रिक्शेवाले , सब्जीवाले ) पे दिखाते हैं , हम उस से एक-एक  रुपये के लिए लड़ते हैं और बड़े होटलों  में टिप के नाम पे आराम से बिना कुछ कहे सौ रुपये दे देते हैं .

Sunday, October 13, 2013

सागर के तटीय क्षेत्र में आने वाले तूफान से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए यहां संपर्क करें.

सागर के तटीय क्षेत्र में आने वाले तूफान से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए यहां संपर्क करें.
 Balasore: +91-6782-262674
Bhadrak: +91-6784-251881
Cuttack: +91-671-2507842
Dhenkanal: +91-6762-221376.
Gajapati: +91-6815-222943
Ganjam: +91-6811-263978
Jagatsinghpur: +91-6724-220368
Jajpur: +91-6728-222648
Kendrapara: +91-6727-232803
Keonjhar: +91-6766-255437
Khurda: +91-6755-220002
Mayurbhanj: +91-6792-252759
Nayagarh: +91-6753-252978
Puri: +91-6752-223237

emergency number,emergency number delhi india,emergency number  india

Saturday, October 12, 2013

सच में सब भगवान की मर्ज़ी से होता है?

सच में सब भगवान की मर्ज़ी से होता है?

जब लोग ये कहते है ये भाग्य से हुआ ये भगवन की मर्ज़ी से हुआ मेरे दिमाग में बहुत से question आते है बहुत सी बाते आती है ,जिस छोटी सी बच्ची का बलात्कार हुआ वो भी भगवान की मर्ज़ी से हुआ था क्या ? अगर हाँ तो ऐसे भगवान नहीं चाहिए .

ये सिर्फ अपने कर्तव्य से भागने का एक बहाना है की सब भगवन की मर्ज़ी से हुआ या भाग्य में था या फिर पिछले जन्मो का फल है .हम सिर्फ अपने साथ अच्छा होना चाहते हैं सिर्फ अपने घर को साफ रखना चाहते हैं कभी ये नहीं सोचते एक दिन बाहर का कूड़ा घर के अन्दर भी आ जायेगा .बिना कुछ किये सब पाना चाहते हैं .