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Saturday, August 27, 2016

बेटी_पढाओ दहेज_मिटाओ

चौबे का लड़का है अशोक, एमएससी पास। नौकरी के लिए चौबे निश्चिन्त थे, कहीं न कहीं तो जुगाड़ लग ही जायेगी। बियाह कर देना चाहिए।
मिश्रा जी की लड़की है ममता, वह भी एमए पहले दर्जे में पास है, मिश्रा भी उसकी शादी जल्दी कर देना चाहते हैं।
सयानों से पोस्ट ग्रेजुएट लड़के का भाव पता किया गया। पता चला वैसे तो रेट पांच से छः लाख का चल रहा है, पर बेकार बैठे पोस्ट ग्रेजुएटों का रेट तीन से चार लाख का है।
सयानों ने सौदा साढ़े तीन में तय करा दिया।बात तय हुए अभी एक माह भी नही हुआ था, कि कमीशन से पत्र आया कि अशोक का डिप्टी कलक्टर के पद पर चयन हो गया है।
चौबे- साले, नीच, कमीने... हरामजादे हैं कमीशन वाले...!
चौबन - लड़के की इतनी अच्छी नौकरी लगी है नाराज क्यों होते हैं?
चौबे- अरे सरकार निकम्मी है, मैं तो कहता हूँ इस देश में क्रांति होकर रहेगी... यही पत्र कुछ दिन पहले नहीं भेज सकते थे, डिप्टी कलेक्टर का 40-50 लाख यूँ ही मिल जाता।
चौबन- तुम्हारी भी अक्ल मारी गई थी, मैं न कहती थी महीने भर रुक जाओ, लेकिन तुम न माने... हुल-हुला कर सम्बन्ध तय कर दिया... मैं तो कहती हूँ मिश्रा जी को पत्र लिखिये वे समझदार आदमी हैं।
प्रिय मिश्रा जी, अत्र कुशलं तत्रास्तु!आपको प्रसन्नता होगी कि अशोक का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हो गया है। विवाह के मंगल अवसर पर यह मंगल हुआ। इसमें आपकी सुयोग्य पुत्री के भाग्य का भी योगदान है।आप स्वयं समझदार हैं, नीति व मर्यादा जानते हैं। धर्म पर ही यह पृथ्वी टिकी हुई है। मनुष्य का क्या है, जीता मरता रहता है। पैसा हाथ का मैल है, मनुष्य की प्रतिष्ठा बड़ी चीज है। मनुष्य को कर्तव्य निभाना चाहिए, धर्म नहीं छोड़ना चाहिए। और फिर हमें तो कुछ चाहिए नहीं, आप जितना भी देंगे अपनी लड़की को ही देंगे।
मिश्रा परिवार ने पत्र पढ़ा, विचार किया और फिर लिखा-प्रिय चौबे जी, आपका पत्र मिला, मैं स्वयं आपको लिखने वाला था। अशोक की सफलता पर हम सब बेहद खुश हैं। आयुष्मान अब डिप्टी कलेक्टर हो गया हैं। अशोक चरित्रवान, मेहनती और सुयोग्य लड़का है। वह अवश्य तरक्की करेगा।आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि ममता का चयन आईएएस के लिए हो गया है। आयुष्मति की यह इच्छा है कि अपने अधीनस्थ कर्मचारी से वह विवाह नहीं करेगी। मुझे यह सम्बन्ध तोड़कर अपार हर्ष हो रहा है। #बेटी_पढाओ#दहेज_मिटाओ

Sunday, May 1, 2016

Srikanth Bolla

Meet ‪#‎Srikanth_Bolla‬, born blind to a poor farmer; who was advised to get rid of him but his father instead sent him to school, Srikanth Bolla, 24, had his school books converted to audio, scored 98%, graduated from MIT as its first international blind student and is now the founder and CEO of Bollant Industries: A 50 Crore company manufacturing eco-friendly disposable packaging solutions employing close to 500 people, many of whom are disabled. StartupLanes sincerely salutes him and wish him all the best to keep inspiring us. Isn't it great
‪#‎realhero‬ ‪#‎Success‬ ‪#‎positive‬